भारत में हर दिन नकली शराब की बोतलों के मामले सामने आते रहते हैं — ये बोतलें दिखने में असली जैसी लगती हैं, लेकिन अगर हम कुछ चीजों पर ध्यान दे तो हम असली और नकली व्हिस्की में फर्क कर सकते हैं। शहरो से लेकर छोटे गांवो तक, नकली शराब के केस सामने आए हैं जिस से हर दिन कई लोग अपनी जान गवां देते हे। अगर आप भी असली व्हिस्की खरीदना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
1. लेबल और पैकेजिंग की जाँच करें
- नकली शराब की बोतलें दिखने में असली जैसी हो सकती हैं, लेकिन लेबल को हमेशा ध्यान से देखे।
- गलत स्पेलिंग, धुंधले प्रिंट या अधूरी जानकारी अक्सर नकली बोतलों की निशानी होती हैं।
- फॉन्ट एक जैसा है या नहीं? प्रिंट की क्वालिटी कैसी है? अक्सर नकली बोतलों पर फॉन्ट और प्रिंट क्वालिटी में अंतर होता हे।
- असली व्हिस्की ब्रांड अपने बाहरी पैकेजिंग को भी अच्छा बनाते हे। अगर पैकेजिंग सस्ती और हल्की लगे — तो वह बोतल नकली हो सकती है।
2. सील ठीक से लगी है या नहीं?
- असली बोतल की सील अच्छी तरह से बंद होती है।
- अगर सील टेढ़ी, गोंद लगी हुई, या खुली हुई दिखे तो समझ जाये की यह नकली शराब की बोतल हे।
3. बोतल को रोशनी में देखें
- बोतल को किसी तेज रोशनी में उठाकर देखें।
- अगर व्हिस्की में तैरते कण, अलग रंग, या धुंधली बनावट दिखे — तो वह असली व्हिस्की नहीं है।
4. बारकोड स्कैन करें
- आजकल ज्यादातर व्हिस्की की बोतलों पर बारकोड या क्यूआर कोड होता है।
- उसे स्कैन करें — अगर कोड स्कैन करने पर कोई लिंक नहीं खुलता, या किसी अजीब सी दिखने वाली वेबसाइट पर ले जाता है, तो बोतल नकली हो सकती है।
5. विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें
- हमेशा व्हिस्की लाइसेंस प्राप्त दुकानों या सरकारी अधिकृत दुकानों से ही खरीदें।
- सड़क किनारे, अज्ञात दुकानों या संदिग्ध ऑनलाइन साइटों से कभी भी शराब न खरीदे।
6. एमआरपी और एक्साइज लेबल की जाँच करें
- भारत में हर असली शराब की बोतल पर राज्य का एक्साइज लेबल और यूनिक नंबर होता है।
- बोतल की कीमत ब्रांड के मौजूदा रेट से मेल खाती है या नहीं, यह ज़रूर देखें।
- अगर लेबल ठीक से छपा है और नंबर सही है — तो बोतल असली है।
निष्कर्ष
नकली व्हिस्की के कारण न केवल आपका पैसा बर्बाद हो सकता है, बल्कि आपकी जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए हमेशा सतर्क रहें और ऊपर दिए गए सुझावो का पालन करें — ताकि आप असली और सुरक्षित व्हिस्की ही खरीदें।